Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
रविवार, 27 दिसंबर 2020
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020
बचपन की कहानियां याद है मुझे
बचपन की कहानियां याद है मुझे
जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे
आंखे बंद थी बोल नहीं पाता था
पर ना जाने तुमको सब समझ आता था
नींद ना लेने देता था ना खुद सो पाता था
मां याद है एक -2 बात मुझे
मै तुमको कितना सताता था।
खाने का निवाला लिए मेरे पिछे दौड़ा करती थी
खुद खाना खाने से पहले मेरी चिंता करती थी।
याद है एक - 2 बात मुझे मै तुमको कितना भगाता था।
टूट गया जब मेरा खिलौना उस दिन कितना रोया था
नया बैट लेने को कहकर रात भर ना सोया था।
मेरी मुस्कुराहट उस दिन मा तुमने लौटाई थी।
ना जाने की कैसे पापा से लड़के नया खिलौना लाई थी।
बचपन की बातो को याद कर आज भी भर आता हूं
मै जाने अनजाने में तुमको कितना सताता हूं।
बचपन की कहानी याद है मुझे
जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे।
मेरी एक ओर कविता मां को समर्पित
सोमवार, 30 नवंबर 2020
रविवार, 29 नवंबर 2020
शनिवार, 28 नवंबर 2020
शुक्रवार, 27 नवंबर 2020
गुरुवार, 26 नवंबर 2020
शनिवार, 14 नवंबर 2020
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020
मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020
सोमवार, 19 अक्तूबर 2020
शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020
बुधवार, 14 अक्तूबर 2020
मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020
हर एक किरदार को
हर एक किरदार निभा रहा हूं यारों
फिर भी हर चोट खा रहा हूं यारों
ज़िन्दगी ज्यादा ही कुछ उलझी सी है
उसको बड़े ध्यान से सुलझा रहा हूं यारो
देखता हूं क्या कर सकता हूं मै
कितनी ज़िन्दगी बदल सकता हूं मैं
उम्मीद तो है हर दिल में बसने की
अभी अपनो को ही आजमा रहा हूं यारो,
ये मै जनता हूं में जीत जाऊंगा
हर किसी दिल को जीत लाऊंगा
मगर फिर भी डगमगा रहा हूं यारो
हाथ थाम लो मैं घबरा रहा हूं यारो
शनिवार, 10 अक्तूबर 2020
शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020
सुन लो गंगा क्या केहेति है
मै चिर हिमालय आती हूं चट्टानों से टकराती हूं
निकली शिव के केषों से पावन हूं हरी हरी के चरणों से
किसी जगह भी मेरी बूंद गिरे उसको अमृत कर जाती हूं,
सायद मुझको तुम भूल गए मै गंगा मां कहलाती हूं,
क्यों करते हो अपमान मेरा बचपन मे क्यों था मान मेरा,
मदिरा के सेवन कर कर के क्यों करते हो स्नान मेरा
क्यों ढोंग सनातन का करके मुझको अछूत कर जाते हो,
सयाद तुम सब ये भूल गए मुझे गंगे मा क्यों बुलाते हो,
मुझ में नहाए फिर पाप करे, क्यो बेटी का अपमान करे
गांगा जल जैसी पावन कन्याओं का ना सम्मान करे,
क्यों नोच नोच कर फेंक रहे नन्हे से जिगर के टुकड़ों को,
बेबस मा भी अब तक रही उन हेवानो के मुखड़ों को,
सुन लो गंगा क्या केहेति है , बस कर पगले इन्सान सुन,
म त कहां कर माता मुझको तू बन रहा हेवान रे सुन
घर बैठे आपने माता पिता का, बस करले तू सम्मान रे सुन,
उन्मेही गौरी शंकर जिनको में शीश झुकाती हूं,
तुम याद रखो मेरे लाल मुझे में ही गंगा मां कहलाती हूं,
सोमवार, 28 सितंबर 2020
आओ ले च लू
आओ ले चलु दुनियां के नए व्यापार में
जहां दूसरे का गम बिकता है हसी के बाज़ार में
हर सक्श आंख खोल कर जिसको देखता पढ़ता है,
खुश होता है दूसरों के गम पर खुशी पे रोता है,
क्या हुआ क्यों पड गए किस सोच विचार में,
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,
इंसान ढूंढता है चीखती दर्दनाक तस्वीरों को,
देता है गालियां अपने देश के वीरो को,
हर दर्द की उडाता धज्जीया चुटकुलों की बोछार में,
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,
नए नए व्यापारी है नई नई जबानी है,
लोग पुराने सही मगर नई नवेली कहानियां है,
कहीं किसी को कब्जे की खुशी है,
कोई किसी के इंसाफ से दुखी हैं,
कोई ओरो के नाशो से परेशान है,
बे मतलब हर कोई एक दूसरे से परेशान है,
नाराज़ क्यों है लोग इसकी कोई वजहा नहीं,
अब भी संभल जाओ दोस्त वाहेम की दवा नहीं,
प्यार से देखो दुनियां ना बेचो अखबार में
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,
शुक्रवार, 25 सितंबर 2020
वक़्त नहीं इंसान के हाथों में
वक़्त नहीं इंसान के हाथों में वोह कई बार बता चुका है
अपनी मन मानी करके कई बार इंसान पछता चुका है
ना जाने कौन सी खुशी के पीछे भाग रहा है तू बेसब्र सा
अपनो को रुला कर दुनिया में कोन जन्नत बना सका है,
सोमवार, 21 सितंबर 2020
कमाल का हिसाब है दुनिया
उम्र भर तरस्ता रहा कुछ पल खुशियों पाने को।
उम्र भर तरस्ता रहा कुछ पल खुशियों पाने को।
जोभी मिला एक दर्द दे गया ताउम्र तड़फाने को।
कुछपल मुस्कुराया जो मै वोह रास ना है ज़माने को।
ख़ैर क्या फर्क पड़ता है कुछ दिल बने है दुखाने को।
गुरुवार, 27 अगस्त 2020
इस सदी में भारत का नया रंग
इस सदी में भारत का नया रंग चढते देखा।
मगर टूट गया में इन देश को ढलते देखा।
सिसकती आंखे देखी, लढ़ खड़ाते पैरो को देखा।
टूटती उम्मीदे देखी, रूठते किस्मत को देखा।
भुजते चुल्हे देखे सुलगे हुए घरो को देखा।
सबर करने का सबर टूटते हुए देखा।
भले को बिगड़े, नेकी को बुराई करते देखा ।
आकाश से कहर बरसते ,जमी को तरसते देखा।
अपनो से अपनो को लड़ते देखा ।
झुटे वादे देखे ,टूटते उम्मीदो को देखा।
भारत मे ऐसा व्यापार देखा।
देश की धरती एक पर दो तरह का व्यवहार देखा।
कुछ पल शौक के लिए, करते अपनो का शिकार देखा।
सही कहूँ तो ज़िन्दगी देश का नया क़िरदार देख।
इस सदी में ज़िन्दगी भारत का नया रंग चढ़ते देखा
बुधवार, 19 अगस्त 2020
मन मैला ना होने दू।
मन मैला ना होने दू, तन मैला ना राखु ।
तेरे नाम की चादर से में अपने तन को ढाकू।
दूर रहु अंधकार से नाम तेरा जापू।
तेरे दर्शन हो कन्हैया उतनी बार मुझे तेरे।
जब जब आंखे मीच कर मनमंदिर मे झाकु ।
जय श्री राधप्रिय,
सोमवार, 17 अगस्त 2020
कुछ परिंदों को काट के फ़लक से
मंगलवार, 14 जुलाई 2020
मैं हर चीज़ से मजबूत था गोविंद
रविवार, 28 जून 2020
बुधवार, 17 जून 2020
मैं वक़्त नही जो बदल जाऊ
मंगलवार, 16 जून 2020
शुक्रवार, 12 जून 2020
बुधवार, 10 जून 2020
मंगलवार, 2 जून 2020
सोमवार, 1 जून 2020
रविवार, 31 मई 2020
शनिवार, 30 मई 2020
Naam kamao,paisa nahi
Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...
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सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग,में जब भी ब्रह्मण को भोजन के लिया आमंत्रित किया जाता था तो , ओर उनका पूजन किया जाता, ओर चरण स्पर्श कर उन्हें घ...
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चार बच्चे आपस में झगड़ रहे थे, मां ने पुछा क्या हुआ बच्चे बोले हम अलग अलग रहना चाहते है, मां आप किसके साथ रहोगी, मां सोचने लगी और बोली बोली...