Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
रविवार, 31 मई 2020
शनिवार, 30 मई 2020
शुक्रवार, 29 मई 2020
गुरुवार, 28 मई 2020
बुधवार, 27 मई 2020
वक्त की आँच में
खुशी के लम्हे ग़म में बदल जाते हैं।
कौन करता है याद किसी को जाने के बाद।
वक्त के साथ खयालात भी बदल जाते हैं !
रविवार, 24 मई 2020
भगवान सदैव अपने भक्तो
अगर आपके साथ किसी प्रकार चमत्कार हुआ है , या किसी धार्मिक यात्रा में आस्चर्य है, तो
अपनी सारी कथा विस्तार से हमे लिखे हम उसे साझा करेंगे,
धन्येवाद
के के वत्स
शनिवार, 23 मई 2020
सत्य कथा, गोवर्धन यात्रा
बात कुछ साल पुरानी है, मैं ओर मेरा दोस्त गोवर्धन गए थे परिक्रमा लगाने , हम जब वह पहुचे रात्रि 9 सड़े 9 बजे होंगे हमने विश्राम भोजन किया जूते चप्पल जमा करवाये करवाये ओर राधे राधे बोलकर परिक्रमा शुरू कर दी, मन आती प्रशन था, हल्की हल्की ठंड थी, ओर हम राधे राधे बोल कर चले जा रहे थे, गांव से जब हम जंगल की तरफ चलने लगे तो अहसास सा हुआ , सायद हम ही परिक्रमा करने आये है, क्योकि रात ज्यादा हो गयी थी , ओर दूर दूर तक कोई दिखी नही दे रहा था, पर हम दोनों चले जा रहे है , ओर राधे राधे बोले जा रहे थे , थकान हो गयी चलते चलते पर पैर रुकने का नाम नही लेते, मन मे एक अभिमान सा उत्पन हो राहा था, हमसे किसी ने कहा था , परिक्रमा में इस समय कोई नही जाता , क्योंकि ये अंधेरा पाक चल रहा है, मैन सोच सायद वकेहि हम ही दोनों आये है,मैं अपने मित्र से कहा ,भाई इस बार परिक्रमा में तो कोई भी ना दिखाई दे रहा है, मित्र ने कहा है यार,ना आगे दृर दृर तक कोई है ना पीछे कोई मिला,हम लगभग पहली परिक्रमा करने ही वाले थे,क्योकि गोवर्धन पर्वत दिखने लगे थे, मेने कहा लगता है आज हम ही आये है और कोई नही है, ओर॒ कहा गोवर्धन बाबा खुस होंगे बड़े पक्के भगत है, तबी राधे राधे बोलती एक टोली दिखाई दे गई जो पीछे से बड़ी जार से चली आरही थी, ढोलक मजीरे बज रहे हे ,ओर श्री राधे राधे का गुणगान हो रहा था, मन मे आवाज सु कर एक अलौकिक शक्ति उत्पन हुई मानो जैसे,बिहारी जी ने कोई सहियोगी भेजे हो,ये अद्भुत नज़र देख कर सारा दोष दूर हो गया, ओर पता नही कब रास्ता काट गया और थकान भी गायब हो गई, हमने बाबा के दर्शन किये,श्री गोवर्धन बाबा से छमा माँगीओर राधा कुंड की परिक्रमा सुरु की,भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों को भटकने नही देते ओर अपने भक्तों को दोष से सदा दूर रखते हैं ।
जय श्री राधे।
शुक्रवार, 22 मई 2020
गुरुवार, 21 मई 2020
बुधवार, 20 मई 2020
मेरे तरीके भी उन्हें,
जिनकी हर बात का सजदा करता हू मैं,
ना नाजाने क्यो वो मुझसे उखड़े से रहते है
जिनकी हर उम्मीद पर भी खरा रहता हूं मैं,
कई बार मुझे वही चोंका जाते है गोविन्द
जिनका आंखे मोन्द कर भरोसा करता हू मैं,
शनिवार, 16 मई 2020
मैं तुम से बात करूं
माँ,
मैं तुम से बात करूं ये उनको गवारा नही,
में प्यार करू तुम्हें क्या हक ये हमारा नही,
क्यो काटते हैं मेरे रिस्ते की डोर ये सारे,
जबकि जानते है तुम बिन मेरा गुज़ारा नही,
गुरुवार, 14 मई 2020
दुबजाऊ मुझे कोई परवाह नहीं
दुबजाऊ मुझे कोई परवाह नही।
तेरे रहमत के साहिल में सावरे।
करलिया है इरादा तुझे पाने का।
वक़्त कर दे बया अब तो तू आने का।
श्याम तेरे ही रंग में रंगजाऊ में।
माये पीला दे तू ऐसी महक जाऊ में।
मुझको डर ना रहा अब ज़माने का।
कर लिया है इरादा तुझे पाने का।
गिर ना जाऊ ज़मी पर सम्बलो मुझे।
आके बाहों में अपनी उठालो मुझे।
छोड़ दो अब इरादा यो तड़फने का।
कर लिया है इरादा तुझे पाने का,
वो कहते है तेरी बंदगी
तो इस फिजुली जिंदगी से दिल को आराम है,
माज़ूर है गोविन्द अब तेरा हर फ़ैसला मुझको,
तेरे हुकम की तामील नाहो तो जीना हराम है,
अन्दाज़ा ना था किसी को
तेरे अफसानों को बयान करू तो कैसे ।
हज़ारो आफ़ताब रोशनी करे सज़दे में जिसके,
हे (रविलोचन ) गोविंद तेरा दीदार में करू कैसे।
बुधवार, 13 मई 2020
दुमाच का माहौल
लागत है हर तरफ़ दुमाच का माहौल है,
पा रहा वही है जो उनसे जुड़ा है,
जीत रहा वही है जो उनसे मिला है,
बढ़ रहा वही है जो साथ उनके चला है,
मजबूर अब भी मजबूर है,
सल्तनत नशे में चूर है,
गरीब के घर दिया नही है,
आज फिर पानी पीकर सो गया है,
इंसान क्या बादनसीब हो गया है,
रविवार, 10 मई 2020
तुम खुस हो तो
तुम खुश हो तो खुसी मिलती है, दिन भी अच्छा जाता है,
जैसे तेरे इशारो को खुदा भी समझ जाता है,
शनिवार, 9 मई 2020
मेरी माँ
मेरी माँ सबसे प्यारी माँ,
प्यार हमे वो करती ज्यादा,
हम दोनों भाई को जोभी दे आधा आधा,
सुबह वो हमसे पेहे उठकर खाना वो बनाये
पहले दे हम दोनों को बद में वो खाये,
खेल खेल मे कभी हँसाती कभी समझती है,
माँ हमारी प्यारी माँ, बस हमे देख मुस्काती है,
गुरुवार, 7 मई 2020
हर किसी मग़रूर को
हर किसी मग़रूर को कुछ पल में बता दिया
ये कायनात तेरी ही है तूने समझा दिया,
हो गया था गुमान जिनको तानाशाही का
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