सोमवार, 4 जनवरी 2021

वो मेरे देश का किसान है


 कभी थका नहीं  कभी हारा नहीं , टूटना जिसने नहीं सीखा,

जो हर हालात मै जी गया, कभी उम्मीद नहीं छोड़ी

हर दुख को पी गया, इरादो में जान है,

 बनजर जमी से भी हरियाली लेहेरा जाता है जो

सरसों की फसल तो काभी कनक के बीच मुस्काता है,

अपनी जीत का ताज देश के सर् लहराता है

हां वहीं किसान है, बेशक वो कितना भी बूढ़ा हो

फिर भी जवान है, वो मेरे देश का किसान है,

जो मौसम नहीं देखता बस घर से निकल जाता है, मिलो का सफर नगे पैरो से तय कर जाता है, धरती पर ही रेहेना जिसकी पहचान है, हां वो मेरे देश का किसान है,

जो अपने उसूलों प्र खरा है जिसकी मिट्टी में बस्ती जान है

आज साथ मांगता है जो सबसे , तो लोग क्यों हैरान हैं

क्या हार जाएगा वो जो देश का सम्मान है,

जो आज एक तरफा खडा, वों मेरे देश का किसान है-२


जय जवान जय किसान








Naam kamao,paisa nahi

 Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...