रविवार, 30 मई 2021

तेरी नाराजगी भी जायज़ है

 



तेरी नाराजगी भी जायज़ हैं
मेरी मजबूरी जायज़ है
ये दुनिया मां तेरे लाल को रुलाए
क्या तेरी नज़रों में ये बात भी जायज़ है❤️

शनिवार, 29 मई 2021

शायद

 कोई उम्मीद शयद अभी बाकी है 

क्यों की उनको मुझमें दिलचस्भी काफ़ी हैं

क्या इरादा है जिन्दगी तेरा कुछ तो गड़बड़ है

फिर जगाई है मुझमें हिम्मत वोही काफी है।

जीत सकता हु में जमाने से हर लड़ाई को 

बस तू समझ ना कमजोर मुझे यही काफी है





पुरानी किताबो में जो पड़ा


 पुरानी किताबो में जो पड़ा कुछ काम का नही,

सच यही है वक्त पड़ने पर कोई पहचानता नहीं,

शुक्रवार, 28 मई 2021

Naam kamao,paisa nahi

 Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...