शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

दर्द भारी शायरी ,जेब के रिश्ते

 दर्द भरी शायरी।

बचपन में एक सिक्का डाल कर समझा दिया था।

जो मिलेगा इस से ही मिलेगा ये बता दीया था।

बीता बचपन बचपन के खेलो में तब समझ ना पाया।

ये रिश्ता भी ईश जेब के सिक्को से है आज समझ आया।

हर रिश्ते में पहले इसी बारी है ।

आजभी  वजन उठाना इसका भारी है ।






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