शनिवार, 14 अगस्त 2021

shiv rudrashtakam Stuti


 shiv rudrashtakam Stuti 🙏🌺

 नमस्कार दोस्तों




ज्ञान भक्ति दर्शन में आपका स्वागत है 






आज हम आपके लिए लेकर आए (रुद्राष्टकम स्तुति )जिसके पढ़ने से भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं स्वामी तुलसीदास ने स्वयं लिखा है इसका व्याख्यान रामायण के उत्तरकांड में किया गया है,




ॐ नमः शिवाय






।। अथ रुद्राष्टकम् ।।


नमामीशमीशान निर्वाणरूपं , विभुंव्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं ।


निजंनिर्गुणंनिर्विकल्पं निरीहं , चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं ।।१।।


निराकार ॐकारमूलं तुरीयं , गिराज्ञान गौतीतमीशं गिरीशं ।


करालं महाकाल कालं कृपालं , गुणागार संसार पारं नतोऽहं ।।२।।


तुषाराद्रिसंकाश गौरं गभीरं , मनोभूतकोटि प्रभाश्रीशरीरं ।


स्फुरन्मौलि कल्लोलिनि चारुगंगा , लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा ।।३।।


चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं , प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं ।


मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं , प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।४।।


प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं , अखण्डं अजं भानुकोटि प्रकाशं।


त्रयः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं , भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ।।५।।


कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी , सदासद्चिदानन्द दाता पुरारि।


चिदानन्द सन्दोह मोहापहारि , प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारि ।।६।।


नवावत् उमानाथपादारविन्दं , भजन्तीह लोके परे वा नराणां ।


न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं , प्रसीद प्रभो सर्व भूताधिवासं ।।७।।


न जानामि योगं जपं नैव पूजां ,नतोऽहं सदासर्वदा शम्भु तुभ्यं।


जराजन्मदुःखौऽघतातप्यमानं , प्रभो पाहि आपन् नमामीश शम्भो ।।८।।


रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये , ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।


।। श्री रुद्राष्टकम् सम्पूर्णम् ।।


हर हर महादेव जय शिव शंकर,


पंडित कपिल वत्स


ज्ञान भक्ति दर्शन , धायेवाद



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Gyan bhakti darshan Live Stream