वक़्त नहीं इंसान के हाथों में वोह कई बार बता चुका है
अपनी मन मानी करके कई बार इंसान पछता चुका है
ना जाने कौन सी खुशी के पीछे भाग रहा है तू बेसब्र सा
अपनो को रुला कर दुनिया में कोन जन्नत बना सका है,
Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
वक़्त नहीं इंसान के हाथों में वोह कई बार बता चुका है
अपनी मन मानी करके कई बार इंसान पछता चुका है
ना जाने कौन सी खुशी के पीछे भाग रहा है तू बेसब्र सा
अपनो को रुला कर दुनिया में कोन जन्नत बना सका है,
उम्र भर तरस्ता रहा कुछ पल खुशियों पाने को।
जोभी मिला एक दर्द दे गया ताउम्र तड़फाने को।
कुछपल मुस्कुराया जो मै वोह रास ना है ज़माने को।
ख़ैर क्या फर्क पड़ता है कुछ दिल बने है दुखाने को।
मगर टूट गया में इन देश को ढलते देखा।
सिसकती आंखे देखी, लढ़ खड़ाते पैरो को देखा।
टूटती उम्मीदे देखी, रूठते किस्मत को देखा।
भुजते चुल्हे देखे सुलगे हुए घरो को देखा।
सबर करने का सबर टूटते हुए देखा।
भले को बिगड़े, नेकी को बुराई करते देखा ।
आकाश से कहर बरसते ,जमी को तरसते देखा।
अपनो से अपनो को लड़ते देखा ।
झुटे वादे देखे ,टूटते उम्मीदो को देखा।
भारत मे ऐसा व्यापार देखा।
देश की धरती एक पर दो तरह का व्यवहार देखा।
कुछ पल शौक के लिए, करते अपनो का शिकार देखा।
सही कहूँ तो ज़िन्दगी देश का नया क़िरदार देख।
इस सदी में ज़िन्दगी भारत का नया रंग चढ़ते देखा
तेरे नाम की चादर से में अपने तन को ढाकू।
दूर रहु अंधकार से नाम तेरा जापू।
तेरे दर्शन हो कन्हैया उतनी बार मुझे तेरे।
जब जब आंखे मीच कर मनमंदिर मे झाकु ।
जय श्री राधप्रिय,
Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...