शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

कविता ,मोबाइल के रिश्ते


 साथ बैठ कर भी एक दुसरे को अनदेखा कर देना

हर बात का जवाब हां ओर हूं में देना दे देना

बिना बताए अपनो के घर पहुंचे हो जाते है हैरान

ये दोष अपनो का नही मोबाइल का है मेरी जान।


बिना मिले एक दूजे से  हर हाल पूछ लेना 

भावनाओं को लिख कर व्हाट्स पर डाल देना

फोन करलेगा जो होगा जो परेशान

ये दोष अपना नही मोबाइल का है मेरी जान


तकरार भी करते है ऐतबार भी करते है

फोन पर लडने वाले कभी सामना नहीं करते

मांग कर माफी   फिर बनते है महान

ये दोष अपनो का नही मोबाइल का है मेरी जान

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