क्या आपने उनका हाल भी जाना है,
जो कुछ रातो को भूखा सो जाता है,
क्या कभी मिले हो उस मजबूर से,
जो कंधे पे हाथ रखते ही रो जाता है,
तेरे हुक्म से हुकूमत घरो में जा कर बैठे,
जो रहते है सड़क पर उनका आशिया बेहेगया,
पानी पीकर वो चुपचाप सो जाता है,
उसका का कफन भी तूफ़ा उड़ा कर लगाया,
दुआ का क्या वो हर कोई कर लेता हैं,
जज़्बाती बातो से क्या कोई पेट भर देता है,
कोई हालात देखे जाके उसके घर का,
जो भुखा प्यासा भी उसका नाम लेके सो जाता है,
जो कुछ रातो को भूखा सो जाता है,
क्या कभी मिले हो उस मजबूर से,
जो कंधे पे हाथ रखते ही रो जाता है,
तेरे हुक्म से हुकूमत घरो में जा कर बैठे,
जो रहते है सड़क पर उनका आशिया बेहेगया,
पानी पीकर वो चुपचाप सो जाता है,
उसका का कफन भी तूफ़ा उड़ा कर लगाया,
दुआ का क्या वो हर कोई कर लेता हैं,
जज़्बाती बातो से क्या कोई पेट भर देता है,
कोई हालात देखे जाके उसके घर का,
जो भुखा प्यासा भी उसका नाम लेके सो जाता है,
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