बस का सफ़र
रोज का आना रोज का जाना।
बस का सफर जी बड़ा सुहाना ।
थक कर आना बस पकड़ना
कंडेक्टर से रोज झगड़ना।
खिसक खिसक कर आगे बढ़ना ।
छीन झपट कर सीट पकड़ना ।
रोज की धक्का-मुक्की होना।
फिर देख के महिला और बुजुर्ग को सीट खोना ।
चुपचाप खड़ा होकर हो कर अफ़सोस जताना।
पर मन ही मन सीट देकर खुश भी हो जाना
खुस होने का कोई ना कोई ढूंढना बहाना।
बस का सफ़र बड़ा सुहाना।
टूट जाता हूं जब घर आता हूं।
कुछ अनजानो को देख मुस्कुराता हूं।
जिनके साथ सफ़र में रोज का आना जाना
बस का सफर जी बड़ा सुहाना।