मंगलवार, 22 जून 2021

थोड़ी मोहोबत


 हो सके तो थोड़ी ही मोहोबत काफ़ी है ज्यादा नहीं

मेरा किसी से जबरदस्ती का इरादा नहीं

कोई कसम खाने की नही कहूंगा कभी

मैं सिर्फ पूछ रहा हु  तुमसे मांग रहा कोई वादा नहीं।

दर्द भरी शायरी,मेरा होना उनके लिए अहमियत नहीं


मेरा होना

 उनके लिए अहमियत नहीं
बस मुझे पाना उनकी चाहत थी ।

शुक्रवार, 18 जून 2021

दुनियां शायरी ,ये दस्तूर नया दुनियां का


 पल भर में अपना पल भार में पराया
ये दस्तूर नया दुनियां का समझ ना आया।

आंख खुलती भी नही बूरा बन जाता हूं
कीचड़ से दूर होकर भी सन जाता हूं।

अपनो के इस अपने पन को समझ नही पाया
ये दस्तूर नया दस्तूर दुनियां का समझ नही आया।

बोलकर झूट बड़ी सफ़ाई से मुकर जाते है
मामूली मामले में केस दर्ज़ हो जाते है ।

बड़ी मुश्किल से इस दिल को है समझाया 
पर ये दस्तूर नया दुनियां का समझ नहीं आया

खासना भी सोच कर  दिक्कत में पड़ जाओगे
पास नही भटकने वाला कोई चाहे जान से जाओगे।

जबकि सब यही रह जायेगा जो भी है कमाया
पर ये दस्तूर नया दुनियां का समझ नहीं आया ।

Pt kk vats

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