Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
सोमवार, 19 अक्तूबर 2020
शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020
बुधवार, 14 अक्तूबर 2020
मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020
हर एक किरदार को
हर एक किरदार निभा रहा हूं यारों
फिर भी हर चोट खा रहा हूं यारों
ज़िन्दगी ज्यादा ही कुछ उलझी सी है
उसको बड़े ध्यान से सुलझा रहा हूं यारो
देखता हूं क्या कर सकता हूं मै
कितनी ज़िन्दगी बदल सकता हूं मैं
उम्मीद तो है हर दिल में बसने की
अभी अपनो को ही आजमा रहा हूं यारो,
ये मै जनता हूं में जीत जाऊंगा
हर किसी दिल को जीत लाऊंगा
मगर फिर भी डगमगा रहा हूं यारो
हाथ थाम लो मैं घबरा रहा हूं यारो
शनिवार, 10 अक्तूबर 2020
शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020
सुन लो गंगा क्या केहेति है
मै चिर हिमालय आती हूं चट्टानों से टकराती हूं
निकली शिव के केषों से पावन हूं हरी हरी के चरणों से
किसी जगह भी मेरी बूंद गिरे उसको अमृत कर जाती हूं,
सायद मुझको तुम भूल गए मै गंगा मां कहलाती हूं,
क्यों करते हो अपमान मेरा बचपन मे क्यों था मान मेरा,
मदिरा के सेवन कर कर के क्यों करते हो स्नान मेरा
क्यों ढोंग सनातन का करके मुझको अछूत कर जाते हो,
सयाद तुम सब ये भूल गए मुझे गंगे मा क्यों बुलाते हो,
मुझ में नहाए फिर पाप करे, क्यो बेटी का अपमान करे
गांगा जल जैसी पावन कन्याओं का ना सम्मान करे,
क्यों नोच नोच कर फेंक रहे नन्हे से जिगर के टुकड़ों को,
बेबस मा भी अब तक रही उन हेवानो के मुखड़ों को,
सुन लो गंगा क्या केहेति है , बस कर पगले इन्सान सुन,
म त कहां कर माता मुझको तू बन रहा हेवान रे सुन
घर बैठे आपने माता पिता का, बस करले तू सम्मान रे सुन,
उन्मेही गौरी शंकर जिनको में शीश झुकाती हूं,
तुम याद रखो मेरे लाल मुझे में ही गंगा मां कहलाती हूं,
Naam kamao,paisa nahi
Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...
-
सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग,में जब भी ब्रह्मण को भोजन के लिया आमंत्रित किया जाता था तो , ओर उनका पूजन किया जाता, ओर चरण स्पर्श कर उन्हें घ...
-
वोह हिम्मत देता है करना आपके हाथ में है। बाकी तो लोग वही कर सकते है जो ओकात में है।