आओ ले चलु दुनियां के नए व्यापार में
जहां दूसरे का गम बिकता है हसी के बाज़ार में
हर सक्श आंख खोल कर जिसको देखता पढ़ता है,
खुश होता है दूसरों के गम पर खुशी पे रोता है,
क्या हुआ क्यों पड गए किस सोच विचार में,
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,
इंसान ढूंढता है चीखती दर्दनाक तस्वीरों को,
देता है गालियां अपने देश के वीरो को,
हर दर्द की उडाता धज्जीया चुटकुलों की बोछार में,
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,
नए नए व्यापारी है नई नई जबानी है,
लोग पुराने सही मगर नई नवेली कहानियां है,
कहीं किसी को कब्जे की खुशी है,
कोई किसी के इंसाफ से दुखी हैं,
कोई ओरो के नाशो से परेशान है,
बे मतलब हर कोई एक दूसरे से परेशान है,
नाराज़ क्यों है लोग इसकी कोई वजहा नहीं,
अब भी संभल जाओ दोस्त वाहेम की दवा नहीं,
प्यार से देखो दुनियां ना बेचो अखबार में
आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,