मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020

हर एक किरदार को



 हर एक किरदार निभा रहा हूं यारों

फिर भी हर चोट खा रहा हूं यारों

ज़िन्दगी ज्यादा ही कुछ उलझी सी है

उसको  बड़े ध्यान से सुलझा रहा हूं यारो 


देखता हूं क्या कर सकता हूं मै

कितनी ज़िन्दगी बदल सकता हूं मैं

उम्मीद तो है हर दिल में बसने की

अभी अपनो को ही आजमा रहा हूं यारो,


ये मै  जनता हूं में जीत जाऊंगा

हर किसी दिल को जीत लाऊंगा

मगर फिर भी डगमगा रहा हूं यारो

हाथ थाम लो मैं घबरा रहा हूं यारो


शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

समय का पहिया घूम रहा है


 समय का पहिया घूम रहा।

जो सही है उसको चूम रहा है।

मतकर बेईमानी ईमान से

क्योंकि वक्त बुराई धुंड रहा है।

शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

सुन लो गंगा क्या केहेति है

 



मै चिर हिमालय आती हूं चट्टानों से टकराती हूं

निकली शिव के केषों से पावन हूं हरी हरी के चरणों से 

किसी जगह भी मेरी बूंद गिरे उसको अमृत कर जाती हूं,

सायद मुझको तुम भूल गए मै गंगा मां कहलाती हूं,


क्यों करते हो अपमान मेरा बचपन मे क्यों था मान मेरा,

मदिरा के सेवन कर कर के क्यों करते हो स्नान मेरा

क्यों ढोंग सनातन का करके मुझको अछूत कर जाते हो,

सयाद तुम सब ये भूल गए मुझे गंगे मा क्यों बुलाते हो,


मुझ में नहाए फिर पाप करे, क्यो बेटी का अपमान करे

गांगा जल जैसी पावन कन्याओं का ना सम्मान करे,

क्यों नोच नोच कर फेंक रहे नन्हे से जिगर के टुकड़ों को,

बेबस मा भी अब तक रही उन हेवानो के मुखड़ों को,


सुन लो गंगा क्या केहेति है , बस कर पगले इन्सान सुन,

म त कहां कर माता मुझको तू बन रहा हेवान रे सुन

घर बैठे आपने माता पिता का, बस करले तू सम्मान रे सुन,

उन्मेही गौरी शंकर जिनको में शीश झुकाती हूं,


तुम याद रखो मेरे लाल मुझे में ही गंगा मां कहलाती हूं,




सोमवार, 28 सितंबर 2020

आओ ले च लू

 आओ ले चलु दुनियां के नए व्यापार में

जहां दूसरे का गम बिकता है हसी के बाज़ार में

हर सक्श आंख खोल कर जिसको देखता पढ़ता है,

खुश होता है दूसरों के गम पर खुशी पे रोता है,

क्या हुआ क्यों पड गए किस सोच विचार में,

आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,

इंसान ढूंढता है चीखती दर्दनाक तस्वीरों को,

देता है गालियां अपने देश के वीरो को,

हर दर्द की उडाता धज्जीया चुटकुलों की बोछार में,

आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,

नए नए व्यापारी है नई नई जबानी है,

लोग पुराने सही मगर नई नवेली कहानियां है,

कहीं किसी को कब्जे की खुशी है,

कोई किसी के इंसाफ से दुखी हैं,

कोई ओरो के नाशो से परेशान है,

बे मतलब हर कोई एक दूसरे से परेशान है,

नाराज़ क्यों है लोग इसकी कोई वजहा नहीं,

अब भी संभल जाओ दोस्त वाहेम की दवा नहीं,

प्यार से देखो दुनियां ना बेचो अखबार में

आओ ले चलूं तुमको दुनिया के नए व्यापार में,


ट्रेंड में भारत

 नमस्कार दोस्तों  आज बात करते है ट्रेंड की क्यों आज कल जो भी फैमस होता है लोग उसे ट्रेंड बना देते है, रहने सहन, खानपान, से लेके भगवान को भी ...