भिखारी
जी हा दोस्तों आज का ब्लॉग है थोड़ा अलग, थोड़ा अटपटा सा दोस्त ट्रैफिक की रेडलाइट पर जब भी ब्रेक लगते है , एक बच्च रेडलाइट के सामने कला बाजी मरता हुआ आता है,ओर बाईक, कार,वालो के पास आकर पैसे मांगता है, कुछ लोग पैसे देते है कुछ लोग नसीहत,भीख मगना गलत बात है,मगर फिर वो करे क्या ना पढ़ाई ना हुनर ना सिर पर छत,फिर करे क्या,फिर भी बेचारा ये समझ गया भीख मांगना गलत बात है,ओर कुछ रंग बिरंगे गुब्बारे लेकर, फिर रेडलाइट पर खड़ा हुआ,मगर अब उसके हाथ भीख मांगने के लिए नहीं मेहनत के लिए उठे है मगर अब इनके गुब्बारे शाम को बच जाते है, ओर ये लोग खाली पेट भी सो जाते है, क्यों की उन्हें क्या पता था, जिसने कहा था भीख मांगना गलत वो रात को पेट भर खाना खाके आराम से सो रहा है, क्योंकि नसीहत देने के पैसे नही लगते साब,ना जाने कितने ऐसे बच्चे,कोई गुब्बारे,कोई खिलौने,कोई हाथ में कपड़े लिए ,ये खुद को बदलना चाहते है,मगर हम ही सायद इनकी मादत से पीछा छुड़ाने में लग जाते है,
Please 🥺 help
ये बदलना चाहते है अगर आप इनका साथ दे ,
एक बैलून का सवाल है
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