Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
गुरुवार, 28 जनवरी 2021
शुक्रवार, 8 जनवरी 2021
सोमवार, 4 जनवरी 2021
वो मेरे देश का किसान है
कभी थका नहीं कभी हारा नहीं , टूटना जिसने नहीं सीखा,
जो हर हालात मै जी गया, कभी उम्मीद नहीं छोड़ी
हर दुख को पी गया, इरादो में जान है,
बनजर जमी से भी हरियाली लेहेरा जाता है जो
सरसों की फसल तो काभी कनक के बीच मुस्काता है,
अपनी जीत का ताज देश के सर् लहराता है
हां वहीं किसान है, बेशक वो कितना भी बूढ़ा हो
फिर भी जवान है, वो मेरे देश का किसान है,
जो मौसम नहीं देखता बस घर से निकल जाता है, मिलो का सफर नगे पैरो से तय कर जाता है, धरती पर ही रेहेना जिसकी पहचान है, हां वो मेरे देश का किसान है,
जो अपने उसूलों प्र खरा है जिसकी मिट्टी में बस्ती जान है
आज साथ मांगता है जो सबसे , तो लोग क्यों हैरान हैं
क्या हार जाएगा वो जो देश का सम्मान है,
जो आज एक तरफा खडा, वों मेरे देश का किसान है-२
जय जवान जय किसान
रविवार, 27 दिसंबर 2020
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020
बचपन की कहानियां याद है मुझे
बचपन की कहानियां याद है मुझे
जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे
आंखे बंद थी बोल नहीं पाता था
पर ना जाने तुमको सब समझ आता था
नींद ना लेने देता था ना खुद सो पाता था
मां याद है एक -2 बात मुझे
मै तुमको कितना सताता था।
खाने का निवाला लिए मेरे पिछे दौड़ा करती थी
खुद खाना खाने से पहले मेरी चिंता करती थी।
याद है एक - 2 बात मुझे मै तुमको कितना भगाता था।
टूट गया जब मेरा खिलौना उस दिन कितना रोया था
नया बैट लेने को कहकर रात भर ना सोया था।
मेरी मुस्कुराहट उस दिन मा तुमने लौटाई थी।
ना जाने की कैसे पापा से लड़के नया खिलौना लाई थी।
बचपन की बातो को याद कर आज भी भर आता हूं
मै जाने अनजाने में तुमको कितना सताता हूं।
बचपन की कहानी याद है मुझे
जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे।
मेरी एक ओर कविता मां को समर्पित
सोमवार, 30 नवंबर 2020
Naam kamao,paisa nahi
Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...
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वोह हिम्मत देता है करना आपके हाथ में है। बाकी तो लोग वही कर सकते है जो ओकात में है।
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सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग,में जब भी ब्रह्मण को भोजन के लिया आमंत्रित किया जाता था तो , ओर उनका पूजन किया जाता, ओर चरण स्पर्श कर उन्हें घ...