मंगलवार, 14 जुलाई 2020

मैं हर चीज़ से मजबूत था गोविंद

मैं हर चीज़ से मजबूत था गोविन्द
बस एक  रिश्ते ही थे जो नाज़ुक थे,
टूटने की वज़ह नहीं थी मेरे पास
मुझे तोड़ने वाले थे कुछ मेरे खास?

जय श्री गोविंदबल्लभ,

बुधवार, 17 जून 2020

मैं वक़्त नही जो बदल जाऊ


मैं वक़्त नही हु जो किसी ओर का हो जाऊं
वक़्त का क्या वो किसी का भी हो जाये
करता हु बन्दगी तेरी ही करता रहुगा मोहन
बेशक चाहे ज़माना वक़्त के साथ बदल जाये
ये ज़िन्दगी तेरी है तेरे दर पर पड़ा हु मालिक
चाहे अब तू उठाले या फिर ठोकर लगाये,
गुनाहगार हु पर तेरीे सतरंज का ही प्यादा हु 
तेरे हाथ मे मेरी डोर है या उड़ा दे या लुटा दे

Gyan bhakti darshan Live Stream