गुरुवार, 4 मार्च 2021

कोई ओर लफ्ज़ ना कहना ।

में अब अपनो का बेवफा हूं

कोई ओर लफ्ज़ ना कहना ।

है सही सब बस मैं ही बुरा हूं
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

वो गुलाब है मै कांटा सही
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

वो खजूर में मैं कडवा हूं
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

वो शरीफ मै सरफिरा हूं
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

में हर फसाद की वजह हूं
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

गैरों से भी गया गुज़रा हूं
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना।

सब एक तरफ़ में अकेला
कोई ओर लफ्ज़ ना कहना

ठोकर खाकर रगड़ रहा हूं

 ठोकर खाकर रगड़ रहा हूं मै।

 किसी दरदरे पत्थर से छबि में बदल रहा हूं मै ।

शायद तराश रहा है खुदा  अपनो के कदमों से मुझे ।

उनके कदमों मैले है पर मैं चमक रहा हूं ।

Pt kk vats 🙏









चल दिए तेरे शहर से

 चल दिए तेरे शहर से किसी और ठिकाने को

कोई ओर खिलौना ख़रीद लो अब दिल लगाने को ?


Pt kk vats 🙏❤️

कुछ वक्त रुका हू यारों


 

बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

मैं उड़ सकता हूं अभी हिम्मत बहुत बाकी हैं


 मै उड़ सकता हूं अभी हिम्मत बहुत बाकी है

फिर से जीत लाऊंगा सब जीवान अभी काफी है


बस निराश हूं थोड़ा सा पर सवार सकता हूं

तुम गले लगा के तो देखो क्या कर सकता हूं मै


मुझे किस्मत की ज़रूरत नहीं इरादों में जना बाकी हैं

कंधे पे एक बार हाथ तो रखो मेरे उड़ान बाकी है


जीतना समझते हो मुझको उतना भी नाकारा नहीं

मै अब भी लड़ रहा हूं मुकद्दर से मगर हारा नहीं


ज़रा सी धूल जमी है अभी चमक बहुत बाकी है

हल्के से सवार चमक जाऊंगा रोशनी अभी बाकी है

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