Hi friends my name PT KK VATS, write blogs, make my own, do not copy anyone& poetry, apart from this, I also write stories,Once you visit my blog, you will like it, because whatever I write, I write my heart. thanks & welcome
रविवार, 30 जनवरी 2022
मंगलवार, 28 दिसंबर 2021
पहले की बात कुछ और थी
उस वक्त सभी के प्यारे थे हम
वो वक्त ही कुछ ऐसा था
जब आंखों की सबके तारे थे हम।
पहले की बात कुछ और थी
जब सीने में मैं धड़का करता था
मेरी जरा सी आह पर
हर कोई दौड़ा करता था।
पहले की बात कुछ और थी
जरा सी खरोंच पर खिलौना मिल जाना
देख कर बाज़ार मैं चेहरा खिल जाना
अब सब सपना सा नज़र आता है
पहले की बात कुछ और थी
अब कोई कोई बात समझ पाता है
बिन बोले हर चीज़ मील जाती थी
जब मां चेहरा देख समझ जाती थी
पहले की बात कुछ और थी
अब तारे बस आसमां में दिखते है
खिलौने बस सपनो में मिलते है
दिल को अब कोई समझ नही पाता
पहले की बात कुछ और थी
अब पता चल गया हम बड़े हो गए है
इस दुनिया की भीड़ में खो गए है
पहले की बात ओर थी
शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021
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