ऐसी माया डार दो
सब बन जाए काम।
तुम बिन मे मेरो कोन हैं
सखा तुम्ही बस श्याम
पार करो भवसागर से
बीत ना जाय शाम।
मोटी बुद्धि का मनु
कछु ना मुझको ज्ञान
तुम्ही सूझ सुझाव से
रक्षा करो भगवान।
तुमतो जग का सार है
जग का हो आधार
रघुवर अपने दीन के
तुम्ही दीनदयाल ।
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