शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

बचपन की कहानियां याद है मुझे

 बचपन की कहानियां याद है मुझे


जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे

आंखे बंद थी बोल नहीं पाता था

पर ना जाने तुमको सब समझ आता था

नींद ना लेने देता था ना खुद सो पाता था

मां याद है एक -2 बात मुझे 

मै तुमको कितना सताता था।

खाने का निवाला लिए मेरे पिछे दौड़ा करती थी

खुद खाना खाने से पहले मेरी चिंता करती थी।

याद है एक - 2 बात मुझे मै तुमको कितना भगाता था।

टूट गया जब मेरा खिलौना उस दिन कितना रोया था

नया बैट लेने को कहकर रात भर ना सोया था।

मेरी मुस्कुराहट उस दिन मा तुमने लौटाई थी।

ना जाने की कैसे पापा से लड़के नया खिलौना लाई थी।

बचपन की बातो को याद कर आज भी भर आता हूं

मै जाने अनजाने में तुमको कितना सताता हूं।

बचपन की कहानी याद है मुझे 

जो पाया मैंने तुमसे अहसास है मुझे।


मेरी एक ओर कविता मां को समर्पित

Pt kk vats

आज कल शाम कुछ


 

Gyan bhakti darshan Live Stream