शुक्रवार, 25 जून 2021

मेरा बचपन

 मुझे मेरा बचपन दिख जाता है

जब भी तू मेरी गोद मैं आता है

भूल जाता हु हर गम ज़िंदगी का

जब तेरा चहेरा सामने आता है


बुधवार, 23 जून 2021

अपनो ने तो देनदारों को भी


 अपनो ने तो देनदारो को भी हरा दिया

प्यार से खिलाएं निवाले भी गिनवा दिया


गैरो की गिनती अभ अपनो में करने लगा हूं

वह है जिन्होंने अपनो को जानना सीखा दिया


क्या फर्क पड़ता है कोन सही कोन गलत

जिसको जो करना है पहले ही दिल को सीखा दिया


जिनको समझा था ताकत दुनियां से लड़ने की

उन्होने ही आज मुझे कमज़ोर बना दिया


अपनी अपनी आय्यासियो का हिआब कारिए जनाब

अपने तो दस्तरखान पर भी हिसाब बना दिया


मंगलवार, 22 जून 2021

जय श्री राम


 

बेवजह की की आदत


 नाराज़ होने की वजह नही आजकल जमाने में

ये काम ही बेवजह का है बेकर लोगों की आदत है ।

थोड़ी मोहोबत


 हो सके तो थोड़ी ही मोहोबत काफ़ी है ज्यादा नहीं

मेरा किसी से जबरदस्ती का इरादा नहीं

कोई कसम खाने की नही कहूंगा कभी

मैं सिर्फ पूछ रहा हु  तुमसे मांग रहा कोई वादा नहीं।

दर्द भरी शायरी,मेरा होना उनके लिए अहमियत नहीं


मेरा होना

 उनके लिए अहमियत नहीं
बस मुझे पाना उनकी चाहत थी ।

Naam kamao,paisa nahi

 Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...