शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

हर गली समशान होगयी

हर गली समशान होगयी
ज़िंदगी बेजान सी होगयी
लोगों की भीड़ तो बहोत है
पर एक भी इंसान नही
मानो के जैसे इनमें जान नही
टूट टूट कर रोती है माँये
जिनकी दूर संन्तान होगयी,
जिन घरों में जीती थी ज़िन्दगी ,
वो अब टूट हुए मकन हो गयी,
हार गली समसान सी होगयी
ज़िन्दगी बेजान सी होगयी,

रविवार, 9 फ़रवरी 2020

ल्फजो को लपेट कर

ल्फजो को लपेट कर रख लिया हम ने
जब देखा के कोई समहजदार नही है ,
जानकर भी मुह फेरलु हाकीकत से
मुझमे एसे हुनार का कलाकार नही है,

मुझे तो शोक से दफना देने

मुझे तो शोक से दफना देने अगर  हर जिद हर पुरी हो जायेतो ,
समझ  लूँगा एक रात का दिया हुआ मैं जो रोशनी कर चला ?

लड़ते लड़ते थक कर चूर हो गया

लड़ते लड़ते थक कर चूर हो गया मैं
खोद कर कर मिट्टी उसमे खुद ही सो गया में
किया इंतज़ार बहुत,कोई न आया हमदर्द मेरा
खुद ही रोया अपने हाले दिल पर,
ओर बस दफन हो गया मैं,

कभी ना सोचा था हाल ये होगा मेरा
एक डाल से टूटा हुआ फूल हो गया मैं
पैरो तले जब कुचला गया अक्ष मेरा
फिर  उगने की तमन्ना से दूर होगया मैं

ये देख कर नज़ारा रूठ गया रब भी मेरा
जिस पर ग़ुरूर करताक्या यही बस तेरा
तेरी देख कर तकदीर ,आज खुद भी रो गया मैं
चल हाथ पकड़ मेरा,तेरा मुरीद हो गया मैं,

ना मेहेर ना रहम

ना मेहेर ना रहम ना मरहम तमन्ना है ,
मिटा दे सख्सियत मेरी जो तिरी शान
 में  गुस्ताख हु,?

रिश्ते निभाना

मजबूरियों से लड़कर रिश्तों को समेटा है,
कौन कहता है मुझे रिश्तें निभाने नहीं आते।

दर्द ता-उम्र

वक़्त हर ज़ख़्म का मरहम तो नहीं बन सकता
दर्द कुछ होते हैं ता-उम्र रुलाने वाले।

Naam kamao,paisa nahi

 Paisa kamane ke liye ek din , Naam kamane ke liye Puri zindagi. Bigdne me ek pal Kafi hota, Vishvas banaye rakhiye Naam jamye rakhiye , Jai...