उस वक्त सभी के प्यारे थे हम
वो वक्त ही कुछ ऐसा था
जब आंखों की सबके तारे थे हम।
पहले की बात कुछ और थी
जब सीने में मैं धड़का करता था
मेरी जरा सी आह पर
हर कोई दौड़ा करता था।
पहले की बात कुछ और थी
जरा सी खरोंच पर खिलौना मिल जाना
देख कर बाज़ार मैं चेहरा खिल जाना
अब सब सपना सा नज़र आता है
पहले की बात कुछ और थी
अब कोई कोई बात समझ पाता है
बिन बोले हर चीज़ मील जाती थी
जब मां चेहरा देख समझ जाती थी
पहले की बात कुछ और थी
अब तारे बस आसमां में दिखते है
खिलौने बस सपनो में मिलते है
दिल को अब कोई समझ नही पाता
पहले की बात कुछ और थी
अब पता चल गया हम बड़े हो गए है
इस दुनिया की भीड़ में खो गए है
पहले की बात ओर थी