सोमवार, 14 जून 2021

दर्द भरी शायरी ,सांस बड़ी धीरे से लेना


 सांस बड़ी धीरे से लेना 

दुनिया को पता चल जायेगा।

चुपचाप बनके अपना कोई

सांस भी छल जायेगा।

जिन्दगी तेरा सताना


 जिन्दगी तेरा सताना अब सहा नही जाता

तेरा इतना दर्द देना समझ नहीं आता।

क्या किसी गैर से सौदे बाज़ी करली हैं 

शायद इसलिए मेरा हाल तुझे नज़र नही आता।

जिस आंख का तारा कहते थे

जिस आंख का तारा कहते  उन्हीं आंखो में खटकने लगा हूं

मैंने पूछ ली जो वजह उनसे वो कहते है मैं बदलने लागा हूं।

 

शुक्रगुजार हूं में उन तमाम लोगों का


 शुक्रगुज़ार हु में उन तमाम लोगों का

जो वक्त पड़ने पर मुझे मेरी ओकात दिखा देते है

इस बहाने सही मुझे ये भी बता देते है

रिश्तों की गिनती की भी गलतफहमी ना रखा

तू अकेला खड़ा है ये भी बता देते है।

शुक्रवार, 11 जून 2021

चुपचाप रहता हू। रीमिक्स।




 

कुछ राज सीने में दफ़न

कुछ राज़ सीने में दफ़न हो जाना ही ठीक है

कहीं बार चुपचप ही रो जाना भी ठीक है

क्या पता कोई गम को हसी में उड़ा जाए

ऐसे रिश्तों से अपने आप दूर हो जाना भीी। ठीक है।

 

चुपचाप रहता हूं


चुपचाप रेहेता हु तो वो कमज़ोर समझ ते है
जवाब देता हूं तो कठौर समझते है
साथ देता हूं तो नटखोर समझते हैं
इस लिए कमज़ोर ही बना रहने में भलाई है
ज्यादा बोल जाता हूं तो कोई और समझ लेते है

 

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