शुक्रवार, 11 जून 2021

चुपचाप रहता हू। रीमिक्स।




 

कुछ राज सीने में दफ़न

कुछ राज़ सीने में दफ़न हो जाना ही ठीक है

कहीं बार चुपचप ही रो जाना भी ठीक है

क्या पता कोई गम को हसी में उड़ा जाए

ऐसे रिश्तों से अपने आप दूर हो जाना भीी। ठीक है।

 

चुपचाप रहता हूं


चुपचाप रेहेता हु तो वो कमज़ोर समझ ते है
जवाब देता हूं तो कठौर समझते है
साथ देता हूं तो नटखोर समझते हैं
इस लिए कमज़ोर ही बना रहने में भलाई है
ज्यादा बोल जाता हूं तो कोई और समझ लेते है

 

कोई मुराद नही मांगी थी तुमसे


 कोई मुराद नही मांगी थी तुमसे

बस उम्मीद है मुझे समझने की,

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