बुधवार, 20 मई 2020

मेरे तरीके भी उन्हें,


मेरे तरीके भी उन्हें रास नाही आते,
जिनकी हर बात का सजदा करता हू मैं,
ना नाजाने क्यो वो मुझसे उखड़े से रहते है
जिनकी हर उम्मीद पर भी खरा रहता हूं मैं,
कई बार  मुझे वही चोंका जाते है गोविन्द
जिनका आंखे मोन्द कर भरोसा करता हू मैं,

मनजर दिखा दिया वक़्त ,


मनजर दिखा दिया वक़्त ने ऐसा हे (मुरलीधर )
अब तो कुछ अपनो की आँखे  है ज़िन्मे चुबता हु मै ,

शनिवार, 16 मई 2020

मैं तुम से बात करूं


माँ,

मैं तुम से बात करूं ये उनको गवारा नही,
में प्यार करू तुम्हें क्या हक ये हमारा नही,
क्यो काटते हैं मेरे रिस्ते की डोर ये सारे,
जबकि जानते है तुम बिन मेरा गुज़ारा नही,

गुरुवार, 14 मई 2020

दुबजाऊ मुझे कोई परवाह नहीं


दुबजाऊ मुझे कोई परवाह नही।
तेरे रहमत के साहिल में सावरे।
करलिया है इरादा तुझे पाने का।
वक़्त कर दे बया अब तो तू आने का।
श्याम तेरे ही रंग में रंगजाऊ में।
माये पीला दे तू ऐसी महक जाऊ में।
मुझको डर ना रहा अब ज़माने का।
कर लिया है इरादा तुझे पाने का।
गिर ना जाऊ ज़मी पर सम्बलो मुझे।
आके बाहों में अपनी उठालो मुझे।
छोड़ दो अब इरादा यो तड़फने का।
कर लिया है इरादा तुझे पाने का,

वो कहते है तेरी बंदगी

वो कहते है तेरी बंदगी फ़िज़ूल का काम है,
तो इस फिजुली जिंदगी से दिल को आराम है,
माज़ूर है गोविन्द अब तेरा हर फ़ैसला मुझको,
तेरे हुकम की तामील नाहो तो जीना हराम है,

अन्दाज़ा ना था किसी को


अन्दाज़ा ना था किसी कोतेरी अत्फ़ का,
तेरे अफसानों को बयान करू तो कैसे ।
हज़ारो आफ़ताब रोशनी करे सज़दे में जिसके,
हे (रविलोचन ) गोविंद तेरा दीदार में करू कैसे।

बुधवार, 13 मई 2020

दुमाच का माहौल

लागत है हर तरफ़ दुमाच का माहौल है,
पा रहा वही है जो उनसे जुड़ा है,
जीत रहा वही है जो उनसे मिला है,
बढ़ रहा वही है जो साथ उनके चला है,
मजबूर अब भी मजबूर है,
सल्तनत नशे में चूर है,
गरीब के घर दिया नही है,
आज फिर पानी पीकर सो गया है,
इंसान क्या बादनसीब हो गया है,

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